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लेखनी प्रतियोगिता -19-Jan-2023

नशीली आंखें और होंठों पर काला तिल,
दिल इस कदर यार उनका दीवाना हुआ।

अब तक जो थे कोई अनजान हमारे लिए,
अब सांसों से उनका रिश्ता पुराना हुआ।

कैसे सुनाओ किस्सा पहली मुलाकात का,
ज़िन्दगी का हर लम्हा अब फ़साना हुआ।

अनजान सी राहों पर अचानक टकराना,
कुदरत का बनाया कोई हसीन बहाना हुआ।

जिंदगी में उसकी शामिल हो जाऊँ कुछ ऐसे,
जैसे किसी नदी का समंदर में समाना हुआ।

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10 Comments

Abhinav ji

20-Jan-2023 08:09 AM

Nice 👍

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Swati chourasia

20-Jan-2023 06:49 AM

बहुत ही सुंदर रचना 👌

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बहुत ही सुंदर और प्रेममय बेहतरीन कविता

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